लिंग के सभी विकार दूर करने के उपाय
लिंग के सभी विकार दूर करने के उपाय
शतावर,असगंधा,कूठ,जटामांसी और कटेहली के फल को 4 गुने दूध में मिलाकर या तेल में पकाकर लेप करने से लिंग मोटा होता है और लिंग की लम्बाई भी बढ़ जाती है।
असगंध चूर्ण को चमेली के तेल के साथ खूब मिलाकर लिंग पर लगाने से लिंग मज़बूत हो जाता है।
20 ग्राम लोंग को 50 ग्राम तिल के तेल में जला कर मालिश करने से लिंग में मजबूती आती है।एक लौंग को चबाकर उसकी लार को लिंग के पिछले भाग पर लगाने से संभोग करने की शक्ति तेज हो जाती है।
सुखा जौ पीस कर तिल के तेल में मिला कर लिंग पर लगाने से सारे दोष दूर हो जाते हैं।
हींग को देशी घी में मिलाकर लिंग पर लगा लें और ऊपर से सूती कपड़ा बांध दें। इससे कुछ ही दिनों में लिंग मजबूत हो जाता है।
भुने हुए सुहागे को शहद के साथ पीसकर लिंग पर लेप करने से लिंग मजबूत और शक्तिशाली हो जाता है।
जायफल को भैंस के दूध में पीसकर लिंग पर लेप करने के बाद ऊपर से पान का पत्ता बांधकर सो जाएं। सुबह इस पत्ते को खोलकर लिंग को गर्म पानी से धो लें। इस क्रिया को लगभग 3 सप्ताह करने से लिंग पुष्ट हो जाता है।
शहद को बेलपत्र के रस में मिलाकर लेप करने से हस्तमैथुन के कारण होने वाले विकार दूर हो जाते हैं और लिंग मजबूत हो जाता है।
रीठे की छाल और अकरकरा को बराबर मात्रा में लेकर शराब में मिलाकर खरल कर लें। इसके बाद लिंग के आगे के भाग को छोड़कर लेप करके ऊपर से ताजा साबुत पान का पत्ता बांधकर कच्चे धागे से बांध दें। इस क्रिया को नियमित रूप से करने से लिंग मजबूत हो जाता है।
बकरी के घी को लिंग पर लगाने से लिंग मजबूत होता है और उसमें उत्तेजना आती है।
धतूरा, कपूर, शहद और पारे को बराबर मात्रा में मिलाकर और बारीक पीसकर इसके लेप को लिंग के आगे के भाग (सुपारी) को छोड़कर बाकी भाग पर लेप करने से संभोग शक्ति तेज हो जाती है।
असगंध, मक्खन और बड़ी भटकटैया के पके हुए फल और ढाक के पत्ते का रस, इनमें से किसी भी एक चीज का प्रयोग लिंग पर करने से लिंग मजबूत और शक्तिशाली बनता है।
पालथ लंगी का तेल, सांडे का तेल़, वीर बहूटी का तेल, मोर की चर्बी, रीछ की चर्बी, दालचीनी का तेल़, आधा भाग लौंग का तेल, 4 भाग मछली का तेल को एकसाथ मिलाकर कांच के चौड़े मुंह में भरकर रख लें। इसमें से 8 से 10 बूंदों को लिंग पर लगाकर ऊपर से पान के पत्ते को गर्म करके बांध लें। इस क्रिया को लगातार 1 महीने तक करने से लिंग का ढीलापन समाप्त हो जाता है़, लिंग मजबूत बनता है। इस क्रिया के दौरान लिंग को ठंडे पानी से बचाना चाहिए।
हीरा हींग को शुद्ध शहद में मिलाकर लिंग पर लेप करने से शीघ्रपतन का रोग जल्दी दूर हो जाता है।लिंग पर इस मलहम अर्थात लेप को लगाने के बाद शीघ्रपतन से ग्रस्त रोगी अपनी मर्जी से स्त्री के साथ संभोग करने का समय बढ़ा सकता है।
10 ग्राम दालचीनी का तेल और 30 ग्राम जैतून के तेल को एक साथ मिलाकर लिंग पर लेप करते रहने से शीघ्रपतन की शिकायत दूर हो जाती है, संभोग करने की शक्ति बढ़ती है। इस क्रिया के दौरान लिंग को ठंडे पानी से बचाना चाहिए।
काले धतूरे की पत्तियों के रस को टखनों पर लगाकर सूखने के बाद संभोग करने से संभोगक्रिया पूरी तरह से और संतुष्टि के साथ संपन्न होती है।
ये खुराक किसी आयुर्वेद चिकित्सक से सलाह ले कर बनवा सकते हैं।
जैसे-रस सिन्दूर 25मिग्रा.+ मुक्ताशुक्ति भस्म 25मिग्रा. + जावित्री 20मिग्रा. + स्वर्ण बंग 25मिग्रा. + कुक्कुटाण्डत्वक भस्म 25मिग्रा. + अश्वगंधा 50मिग्रा. + शिलाजीत 25मिग्रा. + शुद्ध विजया 25मिग्रा. + गोखरू 50मिग्रा. + शुद्ध हिंगुल 25मिग्रा. + बबूल गोंद 25मिग्रा. + विधारा 50मिग्रा. + दालचीनी 25मिग्रा. + कौंच बीज 25मिग्रा. + तालमखाना 25मिग्रा. + सफ़ेद मूसली 25मिग्रा. + जायफल 20मिग्रा. + शतावर 50मिग्रा. + लौंग 20मिग्रा. + बीजबन्द 50मिग्रा. + सालम मिश्री 50मिग्रा. इन सभी की एक खुराक बनेगी आप इसी अनुपात में औषधियाँ मिला कर अपनी जरूरत के अनुसार दवा बना लें व सुबह नाश्ते तथा रात्रि भोजन के बाद एक एक खुराक मीठे दूध से लीजिये।
दूसरी दवा लिंग पर लगाने के लिये है इससे आपको कोई नुक्सान नहीं होगा इसलिए परेशान न हों। अश्वगंधा तेल 20ग्राम + मालकांगनी तेल 25ग्राम + श्रीगोपाल तेल 20ग्राम + लौंग का तेल 2ग्राम + निर्गुण्डी का तेल 10ग्राम इन सब को मिला कर इसमें केशर 1ग्राम + जायफल 2ग्राम + दालचीनी 2ग्राम । इन सबको घुटाई कर लें तो क्रीम की तरह बन जाएगा। इसे किसी मजबूत ढक्कन प्लास्टिक की चौड़े मुँह की शीशी में रख लीजिये।इसे नहाने के बाद अंग सुखा कर भली प्रकार हल्के हाथ से मालिश करते हुए अंग में जाने दें। लगभग दस मिनट में यह क्रीम लिंग में अवशोषित हो जाएगी।दिन में दो बार क्रीम लगाएं।
ध्यान दीजिये कि औषधि प्रयोग काल में सम्भोग या हस्तमैथुन न करें। यदि आप लगभग तीन माह तक इस प्रयोग को करें तो स्थायी लाभ होगा।
शतावर,असगंधा,कूठ,जटामांसी और कटेहली के फल को 4 गुने दूध में मिलाकर या तेल में पकाकर लेप करने से लिंग मोटा होता है और लिंग की लम्बाई भी बढ़ जाती है।
असगंध चूर्ण को चमेली के तेल के साथ खूब मिलाकर लिंग पर लगाने से लिंग मज़बूत हो जाता है।
20 ग्राम लोंग को 50 ग्राम तिल के तेल में जला कर मालिश करने से लिंग में मजबूती आती है।एक लौंग को चबाकर उसकी लार को लिंग के पिछले भाग पर लगाने से संभोग करने की शक्ति तेज हो जाती है।
सुखा जौ पीस कर तिल के तेल में मिला कर लिंग पर लगाने से सारे दोष दूर हो जाते हैं।
हींग को देशी घी में मिलाकर लिंग पर लगा लें और ऊपर से सूती कपड़ा बांध दें। इससे कुछ ही दिनों में लिंग मजबूत हो जाता है।
भुने हुए सुहागे को शहद के साथ पीसकर लिंग पर लेप करने से लिंग मजबूत और शक्तिशाली हो जाता है।
जायफल को भैंस के दूध में पीसकर लिंग पर लेप करने के बाद ऊपर से पान का पत्ता बांधकर सो जाएं। सुबह इस पत्ते को खोलकर लिंग को गर्म पानी से धो लें। इस क्रिया को लगभग 3 सप्ताह करने से लिंग पुष्ट हो जाता है।
शहद को बेलपत्र के रस में मिलाकर लेप करने से हस्तमैथुन के कारण होने वाले विकार दूर हो जाते हैं और लिंग मजबूत हो जाता है।
रीठे की छाल और अकरकरा को बराबर मात्रा में लेकर शराब में मिलाकर खरल कर लें। इसके बाद लिंग के आगे के भाग को छोड़कर लेप करके ऊपर से ताजा साबुत पान का पत्ता बांधकर कच्चे धागे से बांध दें। इस क्रिया को नियमित रूप से करने से लिंग मजबूत हो जाता है।
बकरी के घी को लिंग पर लगाने से लिंग मजबूत होता है और उसमें उत्तेजना आती है।
धतूरा, कपूर, शहद और पारे को बराबर मात्रा में मिलाकर और बारीक पीसकर इसके लेप को लिंग के आगे के भाग (सुपारी) को छोड़कर बाकी भाग पर लेप करने से संभोग शक्ति तेज हो जाती है।
असगंध, मक्खन और बड़ी भटकटैया के पके हुए फल और ढाक के पत्ते का रस, इनमें से किसी भी एक चीज का प्रयोग लिंग पर करने से लिंग मजबूत और शक्तिशाली बनता है।
पालथ लंगी का तेल, सांडे का तेल़, वीर बहूटी का तेल, मोर की चर्बी, रीछ की चर्बी, दालचीनी का तेल़, आधा भाग लौंग का तेल, 4 भाग मछली का तेल को एकसाथ मिलाकर कांच के चौड़े मुंह में भरकर रख लें। इसमें से 8 से 10 बूंदों को लिंग पर लगाकर ऊपर से पान के पत्ते को गर्म करके बांध लें। इस क्रिया को लगातार 1 महीने तक करने से लिंग का ढीलापन समाप्त हो जाता है़, लिंग मजबूत बनता है। इस क्रिया के दौरान लिंग को ठंडे पानी से बचाना चाहिए।
हीरा हींग को शुद्ध शहद में मिलाकर लिंग पर लेप करने से शीघ्रपतन का रोग जल्दी दूर हो जाता है।लिंग पर इस मलहम अर्थात लेप को लगाने के बाद शीघ्रपतन से ग्रस्त रोगी अपनी मर्जी से स्त्री के साथ संभोग करने का समय बढ़ा सकता है।
10 ग्राम दालचीनी का तेल और 30 ग्राम जैतून के तेल को एक साथ मिलाकर लिंग पर लेप करते रहने से शीघ्रपतन की शिकायत दूर हो जाती है, संभोग करने की शक्ति बढ़ती है। इस क्रिया के दौरान लिंग को ठंडे पानी से बचाना चाहिए।
काले धतूरे की पत्तियों के रस को टखनों पर लगाकर सूखने के बाद संभोग करने से संभोगक्रिया पूरी तरह से और संतुष्टि के साथ संपन्न होती है।
ये खुराक किसी आयुर्वेद चिकित्सक से सलाह ले कर बनवा सकते हैं।
जैसे-रस सिन्दूर 25मिग्रा.+ मुक्ताशुक्ति भस्म 25मिग्रा. + जावित्री 20मिग्रा. + स्वर्ण बंग 25मिग्रा. + कुक्कुटाण्डत्वक भस्म 25मिग्रा. + अश्वगंधा 50मिग्रा. + शिलाजीत 25मिग्रा. + शुद्ध विजया 25मिग्रा. + गोखरू 50मिग्रा. + शुद्ध हिंगुल 25मिग्रा. + बबूल गोंद 25मिग्रा. + विधारा 50मिग्रा. + दालचीनी 25मिग्रा. + कौंच बीज 25मिग्रा. + तालमखाना 25मिग्रा. + सफ़ेद मूसली 25मिग्रा. + जायफल 20मिग्रा. + शतावर 50मिग्रा. + लौंग 20मिग्रा. + बीजबन्द 50मिग्रा. + सालम मिश्री 50मिग्रा. इन सभी की एक खुराक बनेगी आप इसी अनुपात में औषधियाँ मिला कर अपनी जरूरत के अनुसार दवा बना लें व सुबह नाश्ते तथा रात्रि भोजन के बाद एक एक खुराक मीठे दूध से लीजिये।
दूसरी दवा लिंग पर लगाने के लिये है इससे आपको कोई नुक्सान नहीं होगा इसलिए परेशान न हों। अश्वगंधा तेल 20ग्राम + मालकांगनी तेल 25ग्राम + श्रीगोपाल तेल 20ग्राम + लौंग का तेल 2ग्राम + निर्गुण्डी का तेल 10ग्राम इन सब को मिला कर इसमें केशर 1ग्राम + जायफल 2ग्राम + दालचीनी 2ग्राम । इन सबको घुटाई कर लें तो क्रीम की तरह बन जाएगा। इसे किसी मजबूत ढक्कन प्लास्टिक की चौड़े मुँह की शीशी में रख लीजिये।इसे नहाने के बाद अंग सुखा कर भली प्रकार हल्के हाथ से मालिश करते हुए अंग में जाने दें। लगभग दस मिनट में यह क्रीम लिंग में अवशोषित हो जाएगी।दिन में दो बार क्रीम लगाएं।
ध्यान दीजिये कि औषधि प्रयोग काल में सम्भोग या हस्तमैथुन न करें। यदि आप लगभग तीन माह तक इस प्रयोग को करें तो स्थायी लाभ होगा।
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