जब इन्वेस्ट करें पैसा तो हो जाएं सचेत
जब इन्वेस्ट करें पैसा तो हो जाएं सचेत, होगा फायदा
सचेत एक ऑनलाइन पोर्टल है। रिजर्व बैंक ने अवैध तरीके से डिपॉजिट लेने वाली कंपनियों पर अंकुश लगाने के लिए इस पोर्टल को लांच किया है। आप http://sachet.rbi.org.in/ लिंक पर क्लिक करके सचेत पोर्टल पर जा सकते हैं। सचेत पोर्टल पर अवैध तरीके से डिपॉजिट लेने वाली कुछ कंपनियों के बारे में भी जानकारी दी गई है।
सचेत से कैसे उठा सकते हैं फायदा
अब आप भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट सचेत पर जाकर यह जान सकते हैं कि इस कंपनी को डिपॉजिट लेने की अनुमति मिली हुई है या नहीं। इसके साथ ही अगर आपका पैसा किसी कंपनी में फंस गया तो आप सचेत वेबसाइट पर जाकर इसकी कंप्लेन भी कर सकते हैं।
पहले चेक करें कंपनी का रजिस्ट्रेशन
अगर आप किसी कंपनी में पैसा लगा रहे हैं या उसकी स्कीम में पैस जमा कर रहे हैं तो सबसे पहले आप सचेत की वेबसाइट पर जाकर चेक करें कि यह कंपनी आरबीआई या किसी और रेगुलेटर के पास रजिस्टर्ड या नहीं। सचेत वेबसाइट पर आरबीआई, सेबी, नेशनल हाउसिंग बैंक, बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीए), पेंशन फंड रेगुलेटर पीएफआरडीए जैसे रेगुलेटर के पास रजिस्टर्ड कंपनियों की लिस्ट है। अगर कोई कंपनी इन रेगुलेटर के पास रजिस्टर्ड नहीं है तो आपका निवेश सुरक्षित नहीं होगा।
फंस गया है पैसा तो यहां करें कंप्लेन
अगर आपका पैसा किसी कंपनी में फंस गया है तो आप सचेत वेबसाइट पर जाकर इसकी कंप्लेन कर सकते हैं। अगर आप यह जानते हैं कि आपकी कंपनी किस सेगमेंट की है और उसका रेगुलेटर कौन है तो आप उस रेगुलेटर के लिंक पर क्लिक करके कंप्लेन फाइल कर सकते हैं। अगर आप रेगुलेटर के बारे में नहीं जानते हैं तब भी आप सचेत पर उस कंपनी के बारे में कंप्लेन फाइल कर सकते हैं।
अपनी कंप्लेन को कर सकते हैं ट्रैक
आप सचेत वेबसाइट पर अपनी कंप्लेन को ट्रैक भी कर सकते हैं। आप अपने मोबाइल नंबर, कंप्लेन नंबर या अपनी ई मेल आईडी के जरिए कंप्लेन को ट्रैक कर सकते हैं। इससे आप को पता चल जाएगा कि आपकी कंप्लेन पर क्या एक्शन लिया जा रहा है।
संदिग्ध कंपनी के बारे में रेगुलेटर को दें जानकारी
अगर आपको पता चलता है कि आपके इलाके में कोई कंपनी अवैध तरीके से डिपॉजिट ले रही है। या कंपनी ऊंचे रिटर्न के वादे के साथ आम जनता से पैसा जुटा रही है तो आप इस कंपनी के बारे में सचेत वेबसाइट पर जाकर रेगुलेटर के साथ जानकारी साझा कर सकते हैं। रेगुलेटर इस जानकारी के आधार पर कंपनी के बारे में छानबीन करके जरूरी कदम उठाएगा।
सचेत एक ऑनलाइन पोर्टल है। रिजर्व बैंक ने अवैध तरीके से डिपॉजिट लेने वाली कंपनियों पर अंकुश लगाने के लिए इस पोर्टल को लांच किया है। आप http://sachet.rbi.org.in/ लिंक पर क्लिक करके सचेत पोर्टल पर जा सकते हैं। सचेत पोर्टल पर अवैध तरीके से डिपॉजिट लेने वाली कुछ कंपनियों के बारे में भी जानकारी दी गई है।
सचेत से कैसे उठा सकते हैं फायदा
अब आप भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट सचेत पर जाकर यह जान सकते हैं कि इस कंपनी को डिपॉजिट लेने की अनुमति मिली हुई है या नहीं। इसके साथ ही अगर आपका पैसा किसी कंपनी में फंस गया तो आप सचेत वेबसाइट पर जाकर इसकी कंप्लेन भी कर सकते हैं।
पहले चेक करें कंपनी का रजिस्ट्रेशन
अगर आप किसी कंपनी में पैसा लगा रहे हैं या उसकी स्कीम में पैस जमा कर रहे हैं तो सबसे पहले आप सचेत की वेबसाइट पर जाकर चेक करें कि यह कंपनी आरबीआई या किसी और रेगुलेटर के पास रजिस्टर्ड या नहीं। सचेत वेबसाइट पर आरबीआई, सेबी, नेशनल हाउसिंग बैंक, बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीए), पेंशन फंड रेगुलेटर पीएफआरडीए जैसे रेगुलेटर के पास रजिस्टर्ड कंपनियों की लिस्ट है। अगर कोई कंपनी इन रेगुलेटर के पास रजिस्टर्ड नहीं है तो आपका निवेश सुरक्षित नहीं होगा।
फंस गया है पैसा तो यहां करें कंप्लेन
अगर आपका पैसा किसी कंपनी में फंस गया है तो आप सचेत वेबसाइट पर जाकर इसकी कंप्लेन कर सकते हैं। अगर आप यह जानते हैं कि आपकी कंपनी किस सेगमेंट की है और उसका रेगुलेटर कौन है तो आप उस रेगुलेटर के लिंक पर क्लिक करके कंप्लेन फाइल कर सकते हैं। अगर आप रेगुलेटर के बारे में नहीं जानते हैं तब भी आप सचेत पर उस कंपनी के बारे में कंप्लेन फाइल कर सकते हैं।
अपनी कंप्लेन को कर सकते हैं ट्रैक
आप सचेत वेबसाइट पर अपनी कंप्लेन को ट्रैक भी कर सकते हैं। आप अपने मोबाइल नंबर, कंप्लेन नंबर या अपनी ई मेल आईडी के जरिए कंप्लेन को ट्रैक कर सकते हैं। इससे आप को पता चल जाएगा कि आपकी कंप्लेन पर क्या एक्शन लिया जा रहा है।
संदिग्ध कंपनी के बारे में रेगुलेटर को दें जानकारी
अगर आपको पता चलता है कि आपके इलाके में कोई कंपनी अवैध तरीके से डिपॉजिट ले रही है। या कंपनी ऊंचे रिटर्न के वादे के साथ आम जनता से पैसा जुटा रही है तो आप इस कंपनी के बारे में सचेत वेबसाइट पर जाकर रेगुलेटर के साथ जानकारी साझा कर सकते हैं। रेगुलेटर इस जानकारी के आधार पर कंपनी के बारे में छानबीन करके जरूरी कदम उठाएगा।
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